Tuesday, August 7, 2012

~~~A tribute to my Papa - On Father's Day~~~


मैं लाख चाहूँ भी तो भुला नहीं सकती 
अहसान तुम्हारा चुका नहीं सकती 
मैं बस एक कतरा हूँ तुम्हारे व्यक्तित्व का 
तुम बिन न मोल कोई मेरे अस्तित्व का 
तुमने जो प्यार और भरोसा बरसाया मुझ पर 
बन नहीं सकता कोई भी वो सरमाया जीवनभर 
कर्ज़दार तुम्हारी मेरी हर एक सांस है
मुझे हर पल तुम्हारे पास  होने का एहसास है 
जीवन दिया तुमने और परवरिश दी इस तरह से
मैं अपने पैरों पे खड़ी हूँ आज सिर्फ तुम्हारी वजह से 
मेरी हर प्रार्थना में, आभार में है तुम्हारे नाम का जापा
जहां भी हो, मुझ  पर अपना हाथ बनाए रखना 'पापा'

© रचना कुलश्रेष्ठ 
१७ जून २०१२


~~~Bas yunhi kuchh~~~



Friday, June 22, 2012
आज फिर कलम ख़ुशी से छलक उठी 
कविताओं की क्यारी फिर से महक उठी 
आओ फिर से दिल का हाल सुनाएं हम
कि शब्दों कि चूड़ी फिर से खनक उठी 

© रचना कुलश्रेष्ठ 
२० जून २०१२


Saturday, August 4, 2012

~~~AKN Beckons~~~


कभी पंछी चहकते थे यहाँ 
कभी गागर छलकते थे यहाँ 
कभी तुम मेरी खामोशी सुन लेते थे
कभी कुछ ख्वाब भी हम बुन लेते थे
कभी यहाँ महफ़िलें जवाँ हुआ करती थीं 
शमा के साथ कुछ नज्में फना हुआ करती थीं
कभी मेरे दुःख में आँखें तुम्हारी भर आती थीं
कभी ख़ुशी तुम्हारी मेरे होठों पर इठलाती थी 
फिर आज क्यूँ इस कदर मसरूफ हुए हम  
ये किन उलझनों में आज हम यूँ हुए गुम
मुझे फिर से तुम्हारी नज्मों को अपनी पलकों से छूना है 
लौट आओ घर, कि ये आँगन तुम बिन सूना सूना है

© रचना कुलश्रेष्ठ 
२२ जून २०१२



~~~कोई सुबह सुहानी सी ~~~



Wednesday, June 27, 2012
कभी लगती है हर शै ज़िन्दगी की बेमानी सी 
कभी लगती है मेरी कहानी, तेरी जुबानी सी  
कभी मचलती है आसमान पे कोई घटा दीवानी सी
कभी मन को लुभा जाती है कोई सुबह सुहानी सी 
कभी कुलांचे भरती लहरें, ज्यों अल्हड़ कोई जवानी सी
कभी इनपे कविता करती, एक लड़की अनजानी सी 

© रचना कुलश्रेष्ठ 
२७ जून २०१२