Tuesday, August 7, 2012

~~~A tribute to my Papa - On Father's Day~~~


मैं लाख चाहूँ भी तो भुला नहीं सकती 
अहसान तुम्हारा चुका नहीं सकती 
मैं बस एक कतरा हूँ तुम्हारे व्यक्तित्व का 
तुम बिन न मोल कोई मेरे अस्तित्व का 
तुमने जो प्यार और भरोसा बरसाया मुझ पर 
बन नहीं सकता कोई भी वो सरमाया जीवनभर 
कर्ज़दार तुम्हारी मेरी हर एक सांस है
मुझे हर पल तुम्हारे पास  होने का एहसास है 
जीवन दिया तुमने और परवरिश दी इस तरह से
मैं अपने पैरों पे खड़ी हूँ आज सिर्फ तुम्हारी वजह से 
मेरी हर प्रार्थना में, आभार में है तुम्हारे नाम का जापा
जहां भी हो, मुझ  पर अपना हाथ बनाए रखना 'पापा'

© रचना कुलश्रेष्ठ 
१७ जून २०१२


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